शुक्रवार, 21 नवंबर 2014


आठवीं किस्त

....और गाना गाने सेे पिटाई भी हुई...


हराइच के जीआईसी में पढ़ते हुए यद्यपि मुझे सभी अध्यापकों का ज़्यादातर प्यार ही मिला और अमूमन मैं ग़ल्तियों और पढ़ाई के प्रति ज़्यादा गंभीर न होने के बावजूद अध्यापकों की डांट व मार खाने से बच जाता था परन्तु हर बार ऐसा ही होता हो, ऐसा भी नहीं था। मेरा जो सुमधुर गायन पिटाई से प्रायः मेरी रक्षा करता था उसने एक बार मुझे अपने अध्यापक जी की खूब मार भी खिलाई। इस प्रकार से अध्यापकों के स्नेह व प्यार के बीच मुझे डांट-मार खाने का सुख भी भोगना पड़ा।

एक दिन की बात है, कक्षा में मास्टर जी को पधारने में कुछ देरी हो गई थी। उनकी देरी का फ़ायदा उठाने के लिये क्लास के सभी बच्चे मनोरंजन के मूड में आ गये थे। शोरगुल के बीच मेरे एक सहपाठी ने सबको शांत करते हुए एनाउंस कर दिया कि आज किशोर श्रीवास्तव शहर के ओंकार टाकीज़ में लगी फिल्म का कोई गीत सबको सुनायेंगे। उसके इतना एनाउंस करते ही कक्षा में और भी ज़्यादा शोर मच गया। सभी मुझ पर गीत गाने का दबाव बनाने लगे। अंततः मुझे उसी फिल्म का एक गीत गाने पर मज़बूर होना पड़ा। गीत की अंतिम लाइन तक पहुंचते-पहुँचते सभी बच्चे ज़ोर-ज़ोर से ताली बजाते हुए मेरी सीट के इर्द-गिर्द आकर इकट्ठे होने लगे थे। शोर की आवाज़ क्लास से बाहर तक चली गई थी। उसी समय हमारी क्लास के पास से अंग्रेजी के अध्यापक श्री शत्रुध्नलाल जी गुज़रे तो उनकी कानों से भी बच्चों की तेज़ आवाज़े जा टकराईं। शोरगुल सुनकर वे छड़ी लिये हमारे रूम में घुस आये। उन्होंने बच्चों को शांत कराते हुए जब उनसे इस भयानक शोर का कारण पूछा तो किसी ने बताया कि क्लास में गाने का कार्यक्रम चल रहा था। इस पर जब उन्होंने डपटकर पूछा कि पढ़ाई करने के समय गाना कौन गा रहा था, तब उसी निगोड़े सहपाठी ने सत्य हरिश्चंद्र बनते हुए सीधा मेरी ओर इशारा कर दिया था, जिसने मुझे उस दिन गाना गाने के लिये सर्वप्रथम बाध्य किया था। और फिर क्या था मास्साब मुझ पर अपनी छन्टी के साथ बरस पड़े थे- ‘क्यों रे पढ़ाई करने की बजाय सभी को गाना सुना रहा था....आ आज तेरा सारा गीत मैं निकालता हूं।’ इस प्रकार उस दिन गाना गाने के कारण क्लास में सभी बच्चों के सामने मेरी जमकर ताजपोशी हुई। और कमाल की बात यह भी रही कि पहले तो क्लास के बच्चों ने जि़द करके मुझसे गीत सुना और फिर बाद में मेरी ताजपोशी का खूब लुत्फ़ भी उठाया।

(शेष अगली किस्त में) 
21 नवम्बर,14

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